jawan movie 2023 : || पुरी फिल्म की कहानी हिंदी मैं || शबेस्ट मिस्ट्री थ्रिलर मूवी शाहरुख खान नयनतारा सान्या मल्होत्रा ​ - Moviegyaan | Movie reviews, News, Hollywood, Bollywood, Webseries.

Thursday, 29 September 2022

jawan movie 2023 : || पुरी फिल्म की कहानी हिंदी मैं || शबेस्ट मिस्ट्री थ्रिलर मूवी शाहरुख खान नयनतारा सान्या मल्होत्रा ​

जवान 2023 : || पुरी फिल्म की कहानी हिंदी मैं || शबेस्ट मिस्ट्री थ्रिलर मूवी शाहरुख खान नयनतारा सान्या मल्होत्रा


About : 

शाहरुख खान
नयनतारा 
सान्या मल्होत्रा ​
प्रियमणि 
विजय सेठूपाथी
दीपिका पादुकोण
डायरेक्टर बाय: इटली कुमार 
रिटन बाय: इटली

मूवी की स्टोरी:

जवान मूवी की कहानी शुरू होती है आर्मी ऑफिसर उदय नायर से, जिसका फ़िल्म में रोल शाहरुख खान प्ले कर रहे हैं।
उदय नायर इंडियन आर्मी का एक काबिल ऑफिसर है, जिसका नाम सुनकर बड़े बड़े टेररिस्ट कांप जाते हैं। उदय नायक का 16 साल का एक बेटा और पत्नी मीरा है। उधर, नायर का बेटा अमर ओपन से ही आप नॉर्मल है?

मतलब अमर दूसरे बच्चों की तरह नहीं है। अमर को सनकी यानी के साइको कहते हैं। अमर इंटेलीजेंट हैं और बहादुर भी। लेकिन अमर अपने पिता उदय नायर की तरह आर्मी जॉइन नहीं करना चाहता, लेकिन उदय नायर चाहता है 

कि उसका बेटा बड़ा होकर आर्मी जवान ही बने। फिर 1 दिन ऑफिसर उदय नायर टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन के सबसे बड़े सरगना असलम को मार देता है, जिसकी वजह से सब जगह उदय नायर की तारीफें होने लग जाती है। 

लेकिन साथ ही टेररिस्ट के ऑर्गनाइजेशन्स में सभी ग्रुप्स अब उदय नायर को मारना चाहते हैं। फिर उदय नायर के खिलाफ़ एक प्लैन के मुताबिक उदय नायर को कश्मीर में एक मिशन पर भेजा जाता है जहाँ धोखे से टेररिस्ट शब्बीर उदय नायर को पकड़ लेता है। 

फिर टेररिस्ट्स पीर टीवी पर लाइव होकर उदय नायर को सभी के सामने मारते हुए दिखाता है। इंडियन आर्मी से उदय नायर के बारे में शब्बीर कहता है की देखो तुम्हारे सबसे बहादुर जवान को हमने क्या हाल कर दिया है। उदय नायर जख्मी हालत में होता है और उसके फेस पर हाथों पर सब जगह पट्टियाँ बंदी होती है। 

उदय नायर की पत्नी और बेटा अमर के साथ साथ पूरा इंडिया ये लाइव वीडियो देख रहा होता है। वो टेररिस्ट शब्बीर लाइव वीडियो में ही उदय नायर को शूट करके मार देता है। शब्बीर वीडियो में कहता है कि इस आर्मी ऑफिसर उदय नायर को मारकर हमने अपने भाई असलम की मौत का बदला ले लिया है। 

इस घटना के कुछ सालों बाद उदय नायर का बेटा अमर जिसका रोल भी शाहरुख खान प्ले कर रहे हैं, मतलब फ़िल्म में शाहरुख खान का डबल रोल है। अपनी माँ के कहने पर इंडियन आर्मी में भर्ती होने के लिए चला जाता है। असल में अमर इंडियन आर्मी जॉइन नहीं करना चाहता था, 

लेकिन अपने पिता की आखिरी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए अमर इंडियन आर्मी जॉइन कर लेता है। लेकिन सनकी यानी की होने की वजह से अमर ज्यादा देर तक इंडियन आर्मी में टिक नहीं पाता। 

अमर बिना किसी ऑर्डर के खुद ही मिशन पर चला जाता है और दुश्मनों को मार देता। अमर को आर्मी में बहुत बार वॉर्निंग मिली थी, लेकिन अमर अपने तरीके से काम करना चाहता था। इसलिए इंटेलीजेंट और बहादुर होने के बावजूद भी अमर को इंडियन आर्मी से निकाल दिया जाता है। 

इंडियन आर्मी से निकल जाने के बाद अमर का सनकीपन और बढ़ जाता है। अब अमर अपनी एक टीम तैयार करता है। उसकी टीम में शहर के शार्प शूटर, चोर उचक्के शामिल हो जाते हैं, जिसको अमर पहले ट्रेनिंग देता है। 

अमर की टीम में वो सभी शामिल हो जाते हैं जिनमें से हर किसी को सिस्टम से शिकायत होती है और गवर्नमेंट की गलतियों की वजह से उन्होंने अपने किसी को किसी हादसे में खोया होता है। अमर की लाइफ का एक ही मिशन होता है 

अपने पिता के कातिल टेररिस्ट शबीर को जान से मारना, लेकिन शबीर तक पहुँचने के लिए अमर को टेररिस्टों ऑर्गेनाइजेशन के बहुत से मेंबर्स को पकड़ना जरूरी था। इसलिए अमर ने खुद एक मिशन तैयार किया और अपनी टीम की मदद से एक एक करके सभी टेररिस्ट को पकड़कर मार दिया। 

अब इंडियन रॉ एजेंसी भी अमर को पकड़ना चाहती थी क्योंकि इंडियन आर्मी से निकल जाने के बावजूद भी अमर वो काम कर रहा था जो इंडियन गवर्नमेंट को करना चाहिए। लेकिन शातिर होने की वजह से अमर किसी के हाथ नहीं आया और अपने मिशन को अंजाम देता रहा। 


1 दिन। रिस्टोर ऑगनाइज़ेशन ने अमर को पकड़ लिया और बहुत मारा। लेकिन जब टेररिस्ट ओर्गेनाइजेशन के आदमी उसको जान से मारने लगे तब एक बहुत बड़ा ब्लास्ट हुआ और अमर की टीम वहाँ पहुँच गई, जिन्होंने वहाँ मौजूद सभी टेररिस्ट को मार दिया। 

असल में ये सारा प्लैन खुद अमर का था, उसने जानबूझकर टेररिस्ट के हाथों खुद को पकड़वाया। एजेंसी भी समझ चुकी थी कि अमर एक है जो अपना अनऑफिशियल मिशन पूरा करने के लिए खुद की जान को भी खतरे में डाल सकता है। 

फिर अमर अपनी लाइफ के लास्ट मिशन पर निकल पड़ता है जब उसको टेररिस्ट शब्बीर के बारे में खबर मिलती है अमर जिसने उन जख्मों को कभी इलाज नहीं करवाया था, जो जख्म उसको बैरिस्टो ऑर्गेनाइजेशन ने दिए थे बल्कि उसने उन जख्मों पर पट्टियाँ वैसे ही बांध रखी थी जैसे उस वीडियो में उसके पिता के हाथों और उनके चेहरे पर बांध रखी थी और उन बंधी हुई पट्टियों की हालत में ही अमर शब्बीर को मारने उसके अड्डे पर चला गया। अमर के इस आखिरी मिशन के बारे में रॉ एजेंसी को भी पता चल जाता है। अब अपनी टीम को लेकर शब्बीर कुमार ने जब जाता है

तब वह रॉ एजेंसी भी अपनी टीम लेकर पहुँच जाती है। अब चारों तरफ से फायरिंग होनी शुरू हो जाती है। अमर शब्बीर के सभी आदमियों को एक एक करके मार देता है, लेकिन जब अमर टेररिस्ट शबीर को मारने लगता है तब सामने से रॉ एजेंसी ऑफिसर्स के साथ अमर का पिता उदय नायर भी होता है। 

असल में शब्बीर ने जिंस आदमी को ऑलिव विडिओ में मारा था। वो असल में उदय नायर नहीं था। उदय नायर को तो रॉय ने बचा लिया था लेकिन उस वीडियो में जो आदमी मरा था उसके बारे में शबीर ने झूठ बोला क्योंकि शबीर चाहता था की लोगो के सामने उसका खौफ बना रहे। 



फसल में उदय नायर को रॉ एजेंसी ने बचा लिया था और कई सालों तक छुपा के रखा। अब अमर अपने पिता को देखकर रुक जाता है और इस बीच टेररिस्ट शबीर अमर पर वार करने लग जाता है। तभी अमर का पिता उदय नायर शबीर को शूट करके मार देता है। 


अब कोर्ट में अमर को ले जाया जाता है और कोर्ट में ये साबित हो जाता है की अमर ने जो कुछ भी किया वो नियमों के खिलाफ़ तो किया है 

लेकिन उसने अपने इस अनऑफिशियल मिशन से और सनकीपन से इंडिया से टेररिस्ट को जड़ से खत्म कर दिया है। 

इसलिए सारा इल्ज़ाम से अमर को बाइज्जत बरी कर दिया जाता है और वापस उसको इंडियन आर्मी में जौन करने का मौका। दिया जाता है तो दोस्तों हमारी फिल्म की कहानी पूरी होती है!

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