har har mahadev movie 2022 || पूरी फिल्म कि रियल कहानी हिन्दी मैं || telugu movie - Moviegyaan | Movie reviews, News, Hollywood, Bollywood, Webseries.

Monday, 31 October 2022

har har mahadev movie 2022 || पूरी फिल्म कि रियल कहानी हिन्दी मैं || telugu movie

har har mahadev movie 2022 || पूरी फिल्म कि रियल कहानी हिन्दी मैं || telugu movie



About : 

2022 में आई हिस्टोरिकल ड्रामा मूवी हर हर महादेव की रियल कहानी को बताने वाले है ! इस मूवी को 9 10 की एक शानदार रेटिंग मिली है, साथ ही 90% गूगल यू जाने से पसंद भी किया है। मूवी की स्टोरी में शिवाजी महाराज के लिए बाजी देशपांडे की तरफ 300 सैनिकों ने सिद्धि जोड़ी के 10,000 सैनिकों को पावन खेत में बुरी तरह से खदेड़ दिया था। उनकी इस और गाता ही हमें इस मूवी में देखने को मिलने वाली है 

मूवी कि स्टोरी : 


मूवी की स्टार्टिंग में अमित शिवाजी महाराज के छत्रपति बनने की कहानी को बताया जाता है कि कैसे शिवाजी महाराज ने लोगों को बचाया और हिंदुत्व को बचाए रखा। कहानी तब की होती है जब 350 सालों से आदिलशाही सल्तनत का अत्याचार बढ़ता ही जा रहा था। कोई भी मराठा उसका विरोध नहीं कर पा रहा था क्योंकि मराठों में आपसी बैर भी था। बीजापुर की तरफ कोई बढ़ना सके, इसके लिए आदेश सभी राजाओं को आपस में ही लड़ा रखा था। वो सब मार्बल राजा आपस में ही एक दूसरे के खून के प्यासे थे, जिससे पूरा महाराष्ट्र ही खून से लाल हो रहा था और फिर कहानी शुरू होती है 

जहाँ पर एक लड़की की बारात जा रही होती है। तभी एक आदमी आकर उन्हें जंगल के रास्ते से जाने के लिए बोलता है। वो कहता है की आगे एक भूत रहता है जो लड़कियों को देखकर पागल हो जाता है और उन्हें अपना शिकार बना लेता है पर वो लोग उसकी बात नहीं मानते है और उसी रास्ते से जाने लगते हैं। अब नई दुल्हन को कमरे में ले के जाने लगता है। वो आदमी पाटिल के बारे में उन लोगों को बता रहे थे जो लड़कियों को अपना शिकार बनाता था। अब मैक्स, इनमें वही आदमी उस नई दुल्हन की बॉडी को पत्तों से रहा होता है जो कि मर चुकी होती है। यानी की पाटिल ने उसके साथ रेप करके उसे मार दिया था। ने एक सीन में उस लड़की का बाप देशमुख महाराज के पास आता है लेकिन देशमुख महाराज कहते हैं कि आदिल साहब की कीमत में ये सब करना कोई गुनाह नहीं और वो पाटिल से कहते हैं

कि वो उस लड़की के बाप को हर्जाने के तौर पर कुछ पैसे दे। तभी देश में भारत से मिलने कुछ लोग आते हैं। तुम्हारा से कहते हैं कि शिवाजी महाराज हमें चैन से जीने नहीं दे रहे हैं और अपने साथ स्वराज्य में शामिल होने के फरमान लेकर आए हैं। अगर हम ने मना किया तो वो हमें मार देंगे। इस पर देश में महारत पूछते है की हम इसमें आपकी क्या मदद कर सकते हैं तो वो कहते हैं कि शिवाजी को बस बाजीप्रभु देशपांडे ही रोक सकते हैं। इस पर देशमुख महाराज कहते हैं कि बाजीप्रभु देशपांडे टाइम कुछ लोगों को सबक सिखाने गए हुए हैं तभी बाजीप्रभु को दिखाया जाता है और वो जै में लोगों को मारने जा रही थी। वहाँ पहुँचकर बाजी प्रो। सभी को मारने लगती है क्योंकि लोग बंदरों की बकरियां चुराकर ले कर जाते थे और जैसे ही बाजीप्रभु तलवार से गला काटने वाले होते हैं तभी उसका मामा कानून जी जयंती आ जाता है। 

वो बाजीप्रभु से अपने भांजे को मारने के लिए मना करता है। और कहता है की अगर बाजीप्रभु ने उसे मारा तो वो इस आदमी को मार देंगे जिससे बाजीप्रभु के बाप के हत्यारे के बारे में पता है। यह सुनकर बाजीप्रभु उसका गला छोड़ देती है और उस आदमी से अपने बाप के हत्यारे के बारे में पूछते हैं। वो बताता है कि जिसके लिए तुम डर रात काम करते हो वही देशमुख महाराज जी तुम्हारे बाप के हत्यारे अगले सीन में बाजीप्रभु के बेटे को दिखाया जाता है। जो अपने दोस्तों के साथ खेल रहा होता है तभी उसका दोस्त यहाँ से जाने के लिए बोलता है क्योंकि वो जगह ठीक नहीं थी। लेकिन बाजीप्रभु का बेटा कहता है कि मेरे पिताजी से सभी 12 मावल डरते है तो फिर मुझे किसी से डरने की जरूरत है। अब अगले सीन में घर पहुंचते हैं चाहे उनकी पत्नी उनका तिलक करती है। बाजी को वो अपनी पत्नी से पूछते हैं। वो खुद क्यों नहीं लग रही है? तो वो कहती है की आप से सभी 12 मावल डरते हैं पर आपके हिमा वन क्षेत्र में वो पार्टी लड़कियों को भी आबरू कर रहा है 

तो वो खुश कैसे रह सकती है? बाजीप्रभु कहते है की ये समय लड़कियों के लिए ठीक नहीं है और उन्हें घर पर ही रहना चाहिए। इस पर उनकी पत्नी कहती है की कल अगर उन्हें भी कोई उठा ले गया तब भी वो यही कहेंगे। इस पर बाजीप्रभु नाराज हो जाते हैं। उसके बाद में एक लड़का आता है। वो खुद को आना जी का बेटा था, ना जी बताता है और बाजीप्रभु के सैनिकों के साथ शामिल होने को कहता है। तभी देश लोग महाराज के सिपाही बाजीप्रभु को बुलवाने के लिए आती। जब बाजीप्रभु किले पर पहुंचते हैं तो सब सैनिकों ने देखकर खड़े हो जाते हैं। वहाँ बाजीप्रभु के बड़े भाई फुला जी भी होते हैं। तब डोंडी वादा ना जी को बताते कि जब देश में महाराज के सैनिक बाजीप्रभु के पिताजी और दादाजी को मारने आए थे, 

तब वे फुला जी बाजीप्रभु को अकेला छोड़कर भाग गए थे। बाजीप्रभु देश को मारा से कहते हैं कि उन्हें की लड़ाई को रोक देना चाहिए, लेकिन देशमुख महाराज मना कर देते हैं क्योंकि देशमुख महाराज के फादर की मरने की खुशी मनाई थी और वो इस बदले को कभी भूलना नहीं चाहते थे। तब बाजीप्रभु देशमुख से कहते है की अगर वो और बंदरों की लड़ाई को यहाँ पर समाप्त कर देंगे तो वो भी उन्हें अपने बाप की हत्या के लिए माफ़ कर देगा। अब नेक्स्ट राजा देशमुख के पास शिवाजी को रोकने के लिए बाजीप्रभु को अपने साथ मिलाने के लिए आती है, मगर देशमुख उनसे बोल देते है की आप बाजीप्रभु कोई भी लड़ाई नहीं लड़ेंगे। मगर बाजीप्रभु शिवाजी के अंदर जाने के लिए रेडी होते हैं और उसके लिए वो अपने लोगों के साथ मिलकर हत्या बनाने वाले पर्सन के पास आते हैं 

जहाँ पर वो बाजीप्रभु को समझाता है कि वो शिवाजी के अगेन्स्ट जाने की कोशिश नहीं करें क्योंकि शिवाजी एक आग है जो उन्हें बस हम करके रख देगी। पर तभी बाजीप्रभु का सामना से बाजी से हो जाता है। अगर उन्हें नहीं पता था कि वो शिवाजी महाराज जी ने एक सीन में पाटिल के सैनिक बाजीप्रभु के बेटे की बहू को उठाकर ले जाते हैं और उसे मार दिया जाता है और जब इस बारे में बाजीप्रभु को पता चलता है तो वह गुस्से में उसे मारने के लिए जाती है। पर देशमुख बीच में आकर बाजीप्रभु को रोक लेते है और तभी वहाँ पर शिवाजी महाराज का एक दूत आकर उन्हें बताता है। या तो वो अपने स्वराज्य को उन्हें सौंप दे बढ़ना उन्हें शिवाजी महाराज से युद्ध करना पड़ेगा और यहाँ पर बाजीप्रभु उनके प्रस्ताव को ठुकरा कर युद्ध करने के लिए रेडी हो जाते हैं। 

अब नेक्स्ट में मावा क्षेत्र में आदिल साहब और जो हरसिद्धि के लोग कुछ लड़कियों को उठाकर उन्हें बेच रहे होते हैं और जब इस बारे में शिवाजी महाराज को पता चलता है तो वो लड़कियों को बचाने के लिए पहुँच जाते हैं। और आदिलशाही लोगों को धमकाकर लड़कियों को बचा ले जाते हैं। उधर बाजीप्रभु का बेटा उनसे गुस्सा होता है क्योंकि बाजू प्रभु ने उसकी पत्नी के हत्यारे को जो छोड़ दिया था। अब मैक्सिम में बाजीप्रभु शिवाजी महाराज रद्द करने की प्लानिंग कर रहे होते है। तभी वहाँ आना जी अपने बेटे के साथ बाजीप्रभु के पास आते हैं और यहाँ पर बाजीप्रभु को पता चल चुका होता है। इससे पहले जो उनके पास तानाजी बनकर आया था उससे बाजी महाराज का जासूस इब्राहिम और दूसरी तरफ देशमुख के पैलेस पर जो जासूस आग लगा देता है जिसकी वजह से सारे लोगों में अफरा तफरी मच जाती है। 

उसके बाद वहाँ पर शिवाजी महाराज और बाजीप्रभु के बीच फाइट होने लगती है और वहीं पर शिवाजी महाराज बाजीप्रभु को समझते हैं कि उन्हें स्वराज्य के लिए एक होना ही पड़ेगा। वरना आने वाले टाइम में मराठों की सत्या नष्ट हो जाएगी और स्वराज से बढ़कर उनके लिए कुछ भी नहीं है। अब इस लड़ाई के बाद देशमुख की मौत हो जाती है और बाजीप्रभु पाटिल को मारकर उसे जिंदा जला देती जिससे वो अपना बदला भी पूरा कर पाते हैं। अब इस फ्लाइट के बाद बाजीप्रभु शिवाजी महाराज के साथ हो जाते हैं और दूसरी तरफ आदिल शाही दरबार में बेगम जान अफज़ल खान को मराठों की महिलाओं को मारने का आदेश देती है। और फिर वो अपने सैनिकों के साथ जाकर मराठों के लोगों पर अपना कहर बरपाना शुरू कर देते हैं। शिवाजी महाराज अपनी इनके पास आते हैं। साहब ने कहा था कि वो शिवाजी के सामने खुद को अच्छा दिखाने की कोशिश करें, क्योंकि साइन कई दिनों से बहुत बीमार थीं और आज साहब नहीं जानती थी 

कि उसकी वजह से शिवाजी महाराज अपने लक्ष्य से भटक जाए। उसके बाद मैक्सिमम शिवाजी महाराज का दूध बाजीप्रभु के पास आता है और उन्हें बताता है कि उन्हें इस शिवाजी महाराज की एक स्वराज की मुहिम में शामिल होना है, जिसके लिए बाजीप्रभु हंगरी हो जाते हैं। उसके बाद शिवाजी महाराज को पता चलता है कि उनकी वाइफ साइंस दुनिया को छोड़ कर जा चुकी है। पर ये सुनने के बाद शिवाजी महाराज खुद को मजबूत करके अपनी मुहिम की प्लानिंग में लग जाते हैं, क्योंकि उन्हें पता चला था। अफज़ल खान उनके बनाये गए मंदिरों को तोड़ रहा है और इसीलिए बाजीप्रभु प्लैन करते हैं कि वह कुछ फेक मंदिर बनाएंगे और उसे अफजल खान को ट्रैप करेंगे और फिर उसके बाद अफजल खान शिवाजी महाराज को संदेश भेजो आता है, गंध के लिए पर बाजीप्रभु वहाँ जाने के लिए शिवाजी महाराज से मना करते हैं क्योंकि उन्हें लगता था कि कोई अफजल खान की चाल हो सकती है। पर शिवाजी महाराज उसकी कोई भी बात नहीं सुनते। 

और अफजल खान से मिलने के लिए निकल जाती है और इसी बीच बाजीप्रभु शिवाजी महाराज की सुरक्षा के लिए अपने को सैनिकों को लेकर अफजल खान के डेरे के आसपास छुप जाते हैं और जब शिवाजी महाराज अफजल खान से जाकर मिलते हैं तो वो उन्हें गले लगाने के बहाने मारने की कोशिश करता है। पर शिवाजी महाराज बड़े ही चालाकी से अफ़ज़ल खान को अपने हाथ के एक खंजर से वहीं पर मार देते है और तभी बाजी को अपने लोगों के साथ आकर खान के बाकी सैनिकों को मौत के घाट उतार देते हैं और उसके बाद शिवाजी महाराज बाजीप्रभु से कहते हैं कि वो पन्ना लाल किले पर जा रही है और उन्हें 18 दिन के अंदर 21 किला जीतने है और उसके बाद बीजापुर पर भी अटैक करना है। और उसके बाद विजापुर पर भी अटैक करना है। दूसरी तरफ सिद्धि जौहर अफजल खान के बेटे से आकर हाथ मिला लेता है और उसके साथ शिवजी को मारने की रणनीति बनाने लगता है। 

उधर पनाला में बाजीप्रभु शिवाजी महाराज को सिद्धि जौहर के बारे में बताते जो गुलाम वंश के राजा को मारकर खुद वहाँ का राजा बन गया था। नेक्स्ट में सिद्धि जौहर अपने सैनिकों के साथ मिलकर को चारों तरफ से घेर लेता है, जिससे शिवाजी महाराज उसके लिए को छोड़कर कहीं और नहीं जा पाया। मगर बहुत टाइम बीतने के बाद भी जब सिद्धि और अपना घेराव नहीं हटाता है तो शिवाजी महाराज के किले में खाने पीने का सारा सामान खत्म होने लगता है और अब वो बारिश के होने का इंतजार करने लगते हैं क्योंकि उनका प्लैन था। ये बारिश होने पर नेताजी पालकर पीछे से आकर सिद्धि जौहर के ढेर पर अटैक करेंगे और उसी का फायदा उठाकर शिवाजी अपने लोगों के साथ उसके लिए से निकल जाएंगे और सिद्धियों और नेताजी पालकर को हरा देता है और उसकी वजह से शिवाजी महाराज अपने पन्ना लाल किले को छोड़कर जा ही नहीं पते। दूसरी तरफ सिद्धि जौहर को अंग्रेजों से दो तो पे मिल जाती है, जिससे वो। यहाँ पर अटैक कर देते हैं और तब शिवाजी महाराज उन टोप्पो को नष्ट करने के लिए अपने तो जासूसों को भेजते हैं और वो वहाँ पर जाकर वो दोनों उन तोपों को नष्ट करने के बाद अफजल खान के बेटे को बंदी बनाकर लाने लगती है। 

मगर रास्ते में ही सिद्धियों और उन पर अटैक कर देता है जिसमें से एक जासूस इब्राहिम की मौत हो जाती है और जब इस बारे में बाजीप्रभु को पता चलता है। तो भाई इब्राहिम की बॉडी लेने के लिए सिद्धि जौहर के डेरे में आते हैं। जहाँ पर सिद्धि जौहर बाजीप्रभु से कहता है कि अगर उन्नत शिवाजी महाराज को उसके हवाले नहीं किया तो वो उनके परिवार को भी मरवा देगा पर बाजी पर भी ब्रैंड की बॉडी को लेकर में आकर दफना देते हैं और उसके बाद बाजीप्रभु शिवाजी से कहते हैं कि वो ये सब करके क्या पाना चाहते हैं? जिसमें वो अपनी पत्नी को भी टाइम नहीं दे पाए। सब शिवाजी महाराज कहते हैं कि वो ऐसी दुनिया का सपना देख रहे हैं जहाँ पर बिना खून खराबा के हर कोई खुशी से जी पाए और इसीलिए उनकी फैमिली से भी बढ़कर उनके लिए स्वराज्य क्योंकि पूरे स्वराज की फैमिली उनकी फैमिलीज है और उनको एक अच्छा भविष्य दे पाना उनकी एक जिम्मेदारी भी दूसरी तरफ आऊं। साहब को सूचना मिलती है कि औरंगजेब का मामा साहिद खान। 

1,00,000 सैनिकों के साथ सेना लेकर स्वराज की सीमा पर खड़ा है और इस पैगाम के बारे में खुला जी शिवाजी को जाकर इन्फॉर्म करती है। उधर शिवाजी बिठालकर जाने के लिए अपने दो गुप्तचर को सिद्धि जौहर के पास भेजते है और उसे पैगाम देते हैं कि शिवाजी महाराज आत्मसमर्पण करने वाले अब इसके लिए बाजीप्रभु प्लैन करते हैं, जिसमें वह शिवाजी महाराज को दूसरे रास्ते से गढ़ की तरफ भेज देते हैं और शिवाजी महाराज की तरह दिखने वाली एक प्रश्न शिवा को बनाकर सिद्धि जौहर के पास भेज देते हैं। दूसरी तरफ अफज़ल खान के बेटे को पता चल जाता है कि जो इस टाइम पर सिद्धि जौहर से मिलने आया है वो शिवाजी महाराज नहीं बल्कि उनका कोई बहरूपिया है और इसीलिए वो सिवा कासिम को मार देता है। उधर बाजीप्रभु शिवाजी महाराज से कहते हैं कि वो घर पहुँच कर उसे सारा कर दे की वो सही सलामत विशाल घर पहुँच गए। तब तक बाजीप्रभु सिद्धि जौहर की सेना को अपने आखिरी खून के कतरे तक रोक कर रखेंगे। 

हालांकि शिवाजी महाराज अपने लोगों को इस तरह छोड़कर तो नहीं जाना चाहते थे पर बाजीप्रभु के कहने पर वो वहाँ से निकल जाते हैं। उसके बाद बाजीप्रभु अपने सैनिकों को मोटिवेट करते हैं कि उनके 300 सैनिकों को मुगलों के 10,000 उनको कोई शुद्ध में मात देनी होगी तभी ही उन्हें इतिहास में याद रखा जाएगा। वो 300 सैनिक शिवाजी महाराज के लिए अपनी जान को दांव पर लगाने के लिए तत्पर थे और तभी अफज़ल खान के कुछ सैनिक बाजीप्रभु के लोगों पर अटैक कर देते है पर वो लोग उनकी सेना के आगे ज्यादा देर तक टिक नहीं पाते हैं और वहाँ से अपनी जान बचाकर भाग जाते है। फिर उसके बाद सिद्धि जौहर के सैनिक आकर बाजीप्रभु के लोगों पर अटैक करते हैं, जहाँ पर उनके बीच काफी देर तक युद्ध चलता है वहाँ पर बाजीप्रभु के लोग उनको गाजर मूली की तरह काटना शुरू कर देते हैं और जैसे ही बाजीप्रभु भाला लेकर उन्हें मारने के लिए आगे बढ़ते हैं तभी सिद्धि जौहर का एक सैनिक उन्हें गोली मार देता है जिससे वह नीचे गिर जाती है। 

पर तभी उन्हें संभाजी महाराज को दिया हुआ वचन याद आता है और उसके बाद वो घायल होने के बावजूद भी फिर से वोट खड़े होते हैं और सिद्धि जौहर के सैनिकों को काटना शुरू कर देते हैं। उनको बीच में से ही अपनी तलवार की धार से चीर कर रख देते हैं। उनकी इस वीरता और स्वर क्यों वर्ष में लिख पाना पॉसिबल ही नहीं है। दूसरी तरफ बाजीप्रभु के घर पाटिल का भाई आकर बाजीप्रभु की पत्नी के साथ बदतमीजी करने लगता है और उनकी इज्जत पर हाथ डालता है। तभी वहाँ पर बाजीप्रभु का बेटा आकर उसका हाथ काट डालता है और बाकी सैनिकों को मारकर भगा देता है। मिसाल घर पहुँचकर शिवाजी महाराज का सामना कुछ सामन्त लोगों से हो जाता है जिन्हें सिद्धि जौहर ने खरीद लिया था और इसीलिए शिवाजी महाराज उन्हें एक एक करके मौत के घाट उतारने लगते हैं। दूसरी तरफ बाजीप्रभु के शरीर से खून की बूंदें टपक रही होती है। फिर भी वो एक चट्टान की तरह अकेले ही उस विशाल सेना के सामने खड़े होते हैं और उनका मुकाबला कर रहे होते है। 

मौत? कितने साल ले जाने के लिए आ चुकी थी पर बाजी पे? वो अपने वचन को पूरा करने के लिए उसे थोड़ी देर और रोकने के लिए बोल देते है और सिद्धि जौहर की सेना पर अपना कहर बरपाने लगते हैं। ऐसा लग रहा था जैसे कोई घायल से शिकार पर निकला हो। उन्हें देखकर सिद्धि जौहर की सेना की भी फट रही थी। वो बाजीप्रभु की हिम्मत को देखकर शॉक में थे और दूसरी तरफ शिवाजी महाराज। घर पहुँच कर तोप चला देते जिससे बाजीप्रभु को पता चल जाता है। किस्से बाजी महाराज सुरक्षित बिशालगढ़ पहुँच चुकी है और इसके बाद बाजीप्रभु अपनी तलवार गिरा कर वहीं बैठ जाते हैं और पूरे जोश के साथ बोलते है की अगर भगवान मुझसे पूछेगा कि तुमने अपनी जिंदगी में क्या कमाया तो मैं कहूंगा कि तुमसे भी बड़ा एक इंसान हैं शिवाजी महाराज। के लिए मुझे मरने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और इतना कहने के बाद बाजीप्रभु ने शिवाजी महाराज को याद करके अपनी अंतिम सांस ले और ये देखकर मुगल सेना भी चुप कर उन्हें नमन करने लगी। 

नमन हैं ऐसे बीर योद्धा बाजीप्रभु को जिन्होंने खुद से बढ़कर अपने राजा और स्वराज को अहमियत दी और जब इस बारे में शिवाजी महाराज को पता चला तो उनकी आँखें नम हो गईं। क्योंकि उन्होंने इस मुहिम में अपने कई सारे सैनिकों और अच्छे साथियों को खो दिया था। उसके बाद से बालाजी महाराज स्वराज की मुहिम में आगे बढ़ने लगे और अब उनका साथ देने वाला था बाजीप्रभु का बेटा जो अपने पिता की तरह हर कदम पर उनका साथ देने के लिए तत्पर था। दूसरी तरफ सिद्धि जौहरी की इस हार की वजह से आदिल साई बेगम जान ने सिद्धि जौहरी को जहर देकर मरवा दिया। और उधर शिवाजी महाराज ने अपनी मुहिम को जारी रखा और मुगलों को खदेड़ कर अपने स्वराज की जड़ों को मजबूत करने का काम किया और इसी के साथ इस मूवी की भी एंडिंग हो गयी। तो फिर कमेंट में जल्दी से लिख दीजिये हर हर महादेव।

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