के. जी. एफ चैप्टर 3 ।। 2022 ।। पूरी फ़िल्म की रियल कहनी हिन्दी मैं ।। परकश राज संजय दत्त रवीना टंडन श्रीनिधि शेट्टी यश
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यश
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परकश राज
Written by : प्रशांत नील
मूवी की स्टोरी :
चौकी ने जानबूझकर इंडियन नेवी से उस जगह पर अपने शिप्पर हमला करवाया जहाँ इंडियन के बीचोबीच गहराई 20,000 फ़ीट है। इतनी गहराई से सोना निकालना तो दूर दूर जाना भी मुश्किल था।
रमिका सेन को सीआईए ऑफिसर ने रॉकी के 16 देशों में किए गए। क्राइम्स की फाइल दे दी है और अनंत इंगलगी की लाइब्रेरी में न्यूस 24 के ऑफिस में काम करने वाले पीएन को केजीएफ चैपटर थ्री की कॉपी भी मिल गयी है। मतलब चैपटर थ्री में रॉकी की लाइफ से जुड़े और ज्यादा रहस्य खुलने वाले हैं।
चैपटर थ्री की कहानी। कोइर् 1978 से शुरू किया जाएगा। जब रॉकी ने अधीरा को घायल करके छोड़ दिया था और दुबई के इनायत खलील ने रॉकी के साथ बिज़नेस करना शुरू कर दिया था। उस समय रमिका सेन भी प्राइम मिनिस्टर नहीं बनी थी।
गोल्ड के बिज़नेस के साथ साथ रॉकी एनर्जी के बिज़नेस में भी। पैसा कमाना चाहता था। उन दिनों एनर्जी जैसे पेट्रोल डीज़ल नैचरल गैस के बिज़नेस में भी बड़े बड़े क्रिमिनल्स और मिनिस्टर शामिल हो गए थे। जान चुका था की जैसे गोल्ड के बिज़नेस को समझने के लिए रॉकी को केजीएफ जैसे बड़े समंदर में कूदना पड़ा था, वैसे ही एनर्जी के बिज़नेस को समझने के लिए।
रॉकी को इंडिया से बाहर अमेरिका जाना पड़ा। अमेरिका जाकर रॉकी ने उसके रास्ते में आने वाले सभी माफिया डॉन को मार दिया, लेकिन धीरे धीरे रॉकी को समझ में आने लग गया था की गोल्ड और एनर्जी के प्रॉफिटेबल बिज़नेस में सिर्फ एक दो कन्ट्रीज के माफिया डॉन से ही नहीं बल्कि पूरे वर्ल्ड में।
इन बिज़नेस को पाने के लिए जंग चल रही है। रॉकी को इतने बड़े साम्राज्य को पाने के लिए जरूरत थी एक भरोसेमंद और उसी की तरह एक मास्टर की रॉकी को वो मिल गया था फरमान जिसको हम चैपटर टू में देख चूके हैं। फरमान को अधीरा ने जान से नहीं मारा था, जिंदा छोड़ दिया था।
क्योंकि अधीरा चाहता था की फरमान अधीरा के खौफ के बारे में रॉकी को जाकर बताएं फरमान खूंखार अधीरा से डरा तो नहीं बल्कि फरमान रॉकी के पास जाकर रॉकी को कहने लग गया की वो खुद अधीरा को अपने हाथों से मारना चाहता है। रॉकी फरमान की वफादारी और बहादुरी से इंप्रेस हो गया था।
इसलिए रॉकी ने फरमान को उसकी माँ और केजीएफ से दूर अमेरिका भेज दिया था। रॉकी की प्लानिंग तभी से शुरू हो गई थी। रॉकी ने फरमान के साथ मिलकर अलग अलग 16 कंट्रीज़ के गैंगस्टर्स को एक एक करके मार दिया। रॉकी ने फरमान को अपने साथ तो रखा लेकिन फरमान का नाम किसी भी।
क्रिमिनल ऐक्टिविटीज़ में नहीं आने दिया रॉकी ने फरमान की असली पहचान भी दुनिया से छुपा दी और उसका नाम साला रख दिया सालार मतलब जिसका रोल प्रभास प्ले करने वाले हैं लेकिन केजीएफ चैपटर थ्री में सालार को प्रभास के रूप में नहीं बल्कि यंग फिक्की यंग बॉय के रूप में ही दिखाया जाएगा।
रॉकी ने सिर्फ दो सालों में ही पूरे वर्ल्ड के सबसे प्रॉफिटेबल बिज़नेस पर कब्जा कर लिया था और उन बिज़नेस को संभालने के लिए ट्रेनिंग रोक की सलाह दे रहा था। रॉकी ने इंडिया में किसी को भी अपने। फॉरेन बिज़नेस के बारे में भनक तक नहीं लगने दी थी।
रॉकी ने तकरीबन वर्ल्ड की हर कंट्री के बैंक में अकाउंट ओपन करके अपने सभी बिज़नेस के कमाए पैसों की उन अकाउंट्स में डिपॉजिट कर दिया था। फिर एक बार जब रॉकी इंडोनेशिया गया तब रॉकी ने वहाँ एक टीम तैयार की और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडोनेशिया पर रॉबरी करके वहाँ के सारे गोल्ड को चुरा लिया। रॉकी ने सलाहकार की मदद से वो सारा गोल्ड वर्ड की अलग अलग कन्ट्रीज में छुपा दिया।
रॉकी चुराए गए गोल्ड को वर्ल्ड के अलग अलग कन्ट्रीज के लॉकर्स ने सेफ रख देता। मतलब रॉकी ने इतने सारे गोल्ड को हिस्सों में बांटकर बैंक्स में ही जमा करवा दिया। ये सब रॉकी नहीं इंडियन नेवी को फैक्स भेजने से ठीक तीन महीने पहले ही किया था।
असल में रॉकी जानता था कि कभी ना कभी केजीएफ के गोल्ड को केजीएफ से निकालना ही पड़ेगा लेकिन इतने सारे गोल्ड को इंडिया से बाहर लेकर जाना वो भी जिंदा पॉसिबल नहीं है। इसलिए रॉकी ने इंडोनेशियन में भी को फैक्स सेंड करके ये खबर इंडोनेशियन के सेंट्रल बैंक से प्रॉपर्टी उसने ही की थी और अब वो सारा गोल्ड वापस करना चाहता है।
इन्डोनेशिया ने भी अपना सारा सोना वापस लेने के लिए रॉकी के शिप की तरफ बढ़ रहे थे। यूएस नेवी को रॉकी नहीं इसलिए फैक्स भेजकर इंडियन में बुलाया था क्योंकि सीआइए रॉकी को कई सालों से पकड़ना चाहती थी, लेकिन जब रॉकी को अपने आँखों के सामने मरते हुए अमेरिका ने देखा तो अमेरिकन नेवी ने ये मान लिया कि रॉकी मर गया और उसकी सर्च वारंट की फाइल को हमेशा के लिए क्लोज़ कर दिया। दूसरी तरफ इंडोनेशिया ने भी कैसे भी तरह से रॉकी के द्वारा लाए गए केजीएफ के गोल्ड को।
इंडियन ओशन की गहराइयों से निकाल लेती है और रॉकी पर रॉबरी का केस भी क्लोज़ हो जाता है। इधर रमिका सेन भी ये मान चुकी होती है की रॉकी उस अटैक में मारा गया है और सारा गोल्ड समुद्र की गहराइयों में खो गया है और इंडियन गवर्नमेंट का केजीएफ पर कब्जा हो गया है। अबिरामी का एन सीआईए के द्वारा। दी गई।
रॉकी के फौरन क्राइम की रिपोर्ट पढ़ ही रही होती है। तभी रमिका सेन के पास खबर आती है की केजीएफ में रॉकी ने जिंस बॉक्स में अपनी माँ की अस्थियों को दबाकर जमीन के अंदर रखा हुआ था। वो बॉक्स केजीएफ से कोई निकाल कर ले गया है। यह खबर सुनकर रमिका सेन चौंक जाती है क्योंकि ये सिर्फ रॉकी ही कर सकता है। मतलब रॉकी अभी जिंदा है।
असल में ये सारी प्लानिंग रॉकी ने पहले ही कर ली थी। रॉकी जान चुका था कि इतने क्राइम करने के बाद पूरा सिस्टम उसके पीछे पड़ जायेगा। इसलिए रॉकी ने पहले केजीएफ का सहारा गोल्ड केजीएफ से निकाल दिया और फिर उतना ही गोल्ड रॉकी ने जो पहले से ही इंडोनेशिया की बैंक से चुराया था सेफ जगह पर रख दिया। इसके बदले में इन्डोनेशियन गवर्नमेंट को केजीएफ का गोल्ड दे दिया गया।
रॉकी के शिप्पर ब्लास्ट होने से पहले ही रॉकी शिप के समुद्र में जमकर चुका था और सलाद जो पहले से ही रॉकी की प्लानिंग जानता था, रॉकी को वहाँ से अपनी बोट में ले गया। अब दुनिया के लिए रॉकी मर चुका है इसलिए रॉकी के खिलाफ़ सारी फाइल्स।
लोस हो चुकी थी। लेकिन दोस्तों कहानी अभी यही पूरी खत्म नहीं होती क्योंकि सालार जो प्रशांत नील की अगली आने वाली फ़िल्म है, उसमें हमको केजीएफ मूवी की झलक देखने को मिलने वाली है और क्या रमिका सेन ये जान पाएगी कि रॉकी अभी जिंदा है?
क्योंकि किसी को भी रॉकी की लाश नहीं मिली थी? हर कोई यह समझ रहा था की इतने गहरे समंदर में शायद रॉकी को कोई समुद्री जानवर खा गया होगा, लेकिन रॉकी द मॉन्स्टर अभी जिंदा है
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