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Friday, 14 October 2022

ps1 ponniyin selvan 2022 movie || पूरी फिल्म कि रियल कहानी हिन्दी मै || telugu movie

ps1 ponniyin selvan 2022 movie || पूरी फिल्म कि रियल कहानी हिन्दी मै || telugu movie


About : 

आज हम  2022 में आई हिस्टोरिकल ड्रामा मूवी पोननिन पार्ट वन का एक्सप्लेनेशन करेंगे ! ये मूवी 1955 में आई नो बॉल पोंनियिन सेल्वन पर बेस्ट है। इस मूवी को एमडी पर 9.2 आउट ऑफ 10 की एक शानदार रेटिंग मिली है। साथ ही 95% गूगल यूजर ने इसे पसंद भी किया है। मूवी में आपको लीड रोल में बिक्रम कार थी? जयराम रवि, ऐश्वर्या राय और त्रिशा कृष्णन देखने को मिलने वाले हैं। मूवी की स्टोरी में चोल बस की राजनीति और महल में होने वाले षड्यंत्र के बारे में दिखाया गया है।

मूवी कि कहानी :

मूवी की स्टार्टिंग में हमें बताया कि अराउंड 1000 साल पहले चोल साम्राज्य में एक राजा सुन्दर चोल के दो बेटे थे और एक बेटी थी। बड़े बेटे का नाम आदित्य करके और छोटे बेटे का अरुण मौजूद था, जिसे लोग पोननिन सैल्मन कहकर भी बुलाते थे क्योंकि बचपन में वो पानी नदी में डूबने से बच गया था और तभी से उसका नाम पोंनियिन सेल्वन पड़ गया था। मंजूर के महल में वंश के राजा सुंदर बीमार पड़े हुए थे और उधर शिमला में अरुण मोदी वहाँ के राजा महेंद्र से युद्ध करने के लिए गया हुआ था और दूसरी तरफ आदित कार्यकाल नोरतन में कर रहे थे। 

उसके बाद आदित्य को पता चलता है कि कंदुर के महल में कोई षडयंत्र रचा जा रहा है और उसी का पता लगाने के लिए आदित्य अपने मित्र। बनती है। इनको वहाँ पर जाने के लिए कहता है और वहाँ पर उसे जो भी पता लगे उसके बारे में अपने पिता राजा सुंदर चोला और अपनी बहन कुंडा वही को बताने का आदेश भी देता है। वहाँ पहुँचकर बनती आयन चोर वंश के सबसे सामन्त सर को देखता है पर वो तो सर ने अपनी उम्र से बहुत छोटी रानी नंदिनी से शादी कर ली थी। तो देखने में बहुत ही खूबसूरत थी। 

महल पहुँचकर बनती आयन, चुपके से पर्वतेश्वर और कुछ मंत्रियों की बातें सुनने लगता है जहाँ पर वह कह रहे होते हैं कि राजा सुंदर चोला, तंजौर के सिंहासन पर अपने बड़े बेटे आदित्य को बिठाना है, जबकि उस सिंहासन पर कंदर आदित्य की बेटी मधु रतन को राजा बनाना चाहिए, क्योंकि उस सिंहासन का असली हकदार वो ही है। और तभी वहाँ पर मधुर तक आकर अपने राजा बनने की ख्वाहिश को साझा करते हैं। 

अब इसके बाद और सारे मंत्री लोग मधुर थकान को राजा बनाने के लिए षडयंत्र करने लगते हैं और ये सारी बातें बंदी आया सुन लेता है और इसलिए अब वो इस जानकारी को कैसे भी करके राजा सुन्दर तक पहुंचाना चाहता है और वहाँ जाते टाइम उसे रास्ते में नंदिनी मिल जाती है। जहाँ पर नंदिनी बंदी इनको अपनी साई अंगूठी देकर कल के दरबार में मिलने के लिए उसे बुलाती है। 
उसके बाद बंदी है ना उस अंगूठी को लेकर तंजौर के सेनापति से जाकर मिलता है और उसे बताता है कि पर्वतीय स्वर में उसे साईं अंगूठी देकर राजा सुंदर चोला के लिए एक पैगाम भेजा है और इसीलिए सेनापति उसे राजा के पास लेकर आ जाता है। जहाँ पर बंदी आए सुंदर चोला को बताता है कि पर्वतेश्वर और बाकी मंत्रियों ने मिलकर उनके सिंहासन को छीनने का षड़यंत्र रचा है और उन्हें पैगाम देने के लिए आदित्य ने ही उसे कहाँ है? पर इस बात के बाद सेनापति को उस पर कुछ शक हो जाता है 

क्योंकि सेनापति पर्वत ईश्वर का ही छोटा भाई था और इसीलिए वो बंदे इनको कैद करने के लिए अपने साथियों के साथ भेजता है। प्रबंधन उनके चंगुल से निकलकर भाग जाता है और वहाँ से सीधा नंदिनी के महल में पहुँच जाता है जहाँ पर वो नंदिनी को बताता है कि वो आदित्य के पैगाम को उसकी सिस्टर कुंदा वही तक पहुंचाने आया है। 

तब नंदिनी उससे कहती है कि पैगाम कुंदा वही तक पहुंचाने के बाद वो जो भी पैगाम उसे दे, वो सबसे पहले उन्हें आकर बताएं तब तक वहाँ पर पार्वती मेरा जाते हैं और उन्हें पता चलता है कि उनके नाम पर कोई दूध राजा सुन्दर चोल से मिलकर गया है। इस पर वो सेनापति से कहते हैं कि उन्होंने किसी को भी नहीं भेजा था। उन्हें कैसे भी करके उसे पकड़ना होगा और पार्वतीश्वर के नंदिनी के पास आने से पहले ही वो बंदी आया। 

हम को दूसरे रास्ते से निकाल देती हैं। यहाँ पर नंदी ने ऐसा इसलिए किया था ताकि उसे कुंडा की योजना के बारे में पता चल सके और यहाँ पर हमे ये भी दिखाया जाता है कि नंदिनी अपने लवर बीर पांडेय की मौत का बदला लेने के लिए ही यहाँ पर आई थी और वहाँ पर वो अपने एक साथी धर्मा को शिमला जाकर अरुण मोदी को मारने के लिए कहती है, दूसरी तरफ बन गया है। 

राजकुमारी को दुबई से जाकर मिलता है और उसे पर्वतेश्वर के द्वारा महल में किए जाने वाले षड्यंत्र की जानकारी देता है। तब कुंदा वही उसे सिंगला जाकर अरुण मोहन जी को तंजोर लाने का आदेश देती है। यहाँ पर हमे ये भी पता चलता है कि राजकुमारी कुंदा में और बंदी आया एक दूसरे को पसंद करते थे। कुंदा भाई को भी राजनीति की अच्छी समझ थी और इसीलिए उसने अब तक शादी नहीं की थी। 

राजा सुन्दर चोल आके बीमा हो जाने के बाद से ही सब कुछ संभाल रही थी। उधर, मधुरतम की माँ उसे सिंहासन के मुँह को छोड़ने के लिए कहती है क्योंकि उसके फादर ने खुशी से राज़ सुन्दर चोला को अपना सिंहासन दिया था, पर मधुर थकान उनकी आज्ञा की अवहेलना करके वहाँ से चला जाता है। उसे हर हालत में वह सिंहासन चाहिए था। दूसरी तरफ नॉर्थन में काफी लड़ने के बाद आदित्य के दादा साहब उसे वापस चलने के लिए कहते हैं। 

मगर आदित्य गुस्से में उनसे बोल देता है की वो तंजोर मैं कभी भी कदम नहीं रखेगा। क्योंकि वहा पर रहती है और यहाँ पर हमें पता चलता है की बचपन में आदित्य नंदिनी से प्रेम करता था और वो भी उसे पसंद करती थी पर नंदिनी एकनाथ थी और उसके राजवंश के बारे में कुछ भी पता नहीं था। इसलिए राजा सुन्दर चोल आने उन दोनों की शादी कराने से मना कर दिया था और उसके बाद नंदिनी अचानक से कहीं पर गायब हो गई थी। 

नन्दिनी के जाने के दुख में आदित्य युद्ध में बिज़ी हो गया और फिर 1 दिन नंदिनी उसके सामने कई सालों बाद आई है। दरअसल नंदिनी उस टाइम पर पांडेय राजा बीर पांडियन के साथ लावा फेर में थी और जब आदित्य का पांडियन के 12 हुआ था तो वीर पांडे ने एक जंगल में अपने में जाकर छुप गया था और जब इस बारे में आदित्य को पता चला था तो वो उसे मारने के लिए वहाँ पहुँच गया था। जहाँ पर उसे नंदिनी वीरपांडियन के साथ दिखाई दी थीं। 

नंदिनी ने वहाँ पर आदित के सामने वीर को छोड़ने के लिए हाथ भी जोड़े थे, मगर आदित्य ने गुस्से में उसके सामने ही वीर पांडे इनके सिर को धड़ से अलग कर दिया था और तब से ही नंदिनी ने चोल, बांस और आदित्य को खत्म करने की कसम खा ली थी और आदित्य के अंदर का प्यार भी हम नफरत में बदल चुका था क्योंकि नंदिनी ने परमीत सर से शादी कर ली थी तो आधे तब उसके महल में कदम भी नहीं रखना चाहता था। 

वो उसे बोला ही नहीं पा रहा था। उधर सिंगला मैं अरुण मौजी यानी पोनिया सैल्मन राजा महेंद्र को हराकर बौद्ध संघ में अपने गुरूजी से मिलने आता है, जहाँ पर गुरूजी अरुण की उदारता और बहादुरी को देखकर सिंगला का सिंहासन पर उसे बैठने के लिए कहते हैं। मगर उनके इस प्रस्ताव से मना कर देता है क्योंकि उसने अपने जीवन को सिर्फ तंजोर और जो वंश के लिए समर्पित कर दिया था। 

इनमें राजकुमारी कुंदा भाई तंजोर महल आ जाते हैं और मेहर में चल रहे षड्यंत्र के बारे में अपने पिताजी राजा सुंदर चोला को बताती है। वहीं पर हम पर्वतेश्वर और उनके मंत्रियों को अपनी योजना के बारे में बात करते हुए देखते हैं, जहाँ पर वो लोग आदित्य और अरुण के आने से पहले सुन्दर चोल को अपनी बातों में लेकर मधुर रतन को राजस्व से कराने की योजना बना रहे थे और उसके बाद नंदिनी पर्वतीय सर को आगे की योजना बताती हैं कि उन्हें कैसे भी करके आदेश और अरुण को एक साथ यहाँ पर आने से रोकना होगा। और नंदिनी का प्लैन था कि वो सिर्फ कैसे भी करके अरुण को महल में बुला लें। 

क्योंकि अरुण यहाँ पर होगा तो आदित्य नहीं आ पायेगा और फिर वो दोनों भाइयों को अलग करके मार सकते हैं। उधर पूर्णिमा नाम की एक वोट चलाने वाली बन दिया। उनको सिंगला लेकर आ जाती है और उसी टाइम एक और वोट मैन पांडियन के कुछ गुंडों को लेकर वहाँ आता है। उसे नहीं पता था कि वो लोग अरुण को वहाँ पर मारने के लिए आए हैं। 

अब हम देखते हैं। की पर्वतेश्वर अपने कुछ मंत्रियों को लेकर राज्य सुंदर चोला के पास आते हैं और उन्हें अपनी बातों में लेकर अरुण को तंजौर आने के लिए कहते हैं और इसके लिए वो राजा सुंदर चोला की ऑफिसियल मुहर लगाकर अरुण को तंजोर आने के संदेश को अपने सेनापति के साथ सिंगला के लिए भेज देते हैं। पर ये सब कौन दावे को सही नहीं लग रहा होता है? इस पर राजा सुंदर चोला उससे कहते हैं कि वो नॉर्थन जाकर आदित्य को यहाँ पर लेकर आए। 

उनके दोनों बेटों के आने के बाद ये लोग कुछ भी नहीं कर पाएंगे। इसी बीच नंदिनी तंजोर की गद्दी पर बैठने का सपना देख रही होती। दूसरी तरफ बनियान को निलबन से जाकर मिलता है और उन्हें राजकुमारी कुंद भाई का पैगाम देता है। साथ ही राजकुमारी बनती का भी पत्र वो देता हैं। बनती से। उनकी शादी होने वाली थी और मैं एक दूसरे से प्रेम भी करते थे। उसके बाद वहाँ से महल की तरफ जाते टाइम के गुंडे उन पर अटैक कर देते हैं और वहाँ पर उन्हें आकर बचा लेती थीं, जिन्होंने बचपन में भी अरुण को पानी नदी में डूबने से बचाया था। 

उधर, राजकुमारी कुंदा भाई आदित्य को तंजौर लाने के लिए नॉर्थन पहुँच जाती है। वहाँ पर कुंडा भाई आदित्य को तंजौर चलने के लिए कहती है मगर आदि तंजोर जाने के लिए साफ मना कर देता है क्योंकि वहाँ पर उसे नंदिनी देखने को मिलने वाली थी। वहाँ पर वो से शिकायत भी करता है कि उसने यह भी उस टाइम पर नंदिनी से उसको दूर करने के लिए राज्य सुंदर चोला का साथ दिया था और उसी वजह से वो इतना खतरनाक बन गया तब उसे समझाती है। तो उस टाइम पर यही करना सही था क्योंकि उसने राज्य के बारे में सोचा था। 

राज्य के लोग कभी भी नंदिनी को स्वीकार नहीं करते। साथ ही कुंदा वहीं आदित्य को बताती है कि पर्वत ईश्वर ने अरुण को तंजौर भुलाने के लिए एक सेना भेज दी है। इसलिए उसे भी तंजोर पहुँचकर अपने पिता और भाई का साथ देना चाहिए। पर आदत बहुत जिद्दी था और वो तंजौर जाने के लिए फिर भी मना ही कर देता है। उधर, सिंगला में पूर्णिमा को पता चलता है की पर्वतेश्वर की सेना अरुण को ले जाने के लिए आयी है और उसी बीच पांडियन के गुंडे वहाँ के राजा महेंद्र से मिलने के लिए कई सारे लोगों को मार रहे होते हैं। 

तब एक वोट मानुस पांडियन के गुंडे धर्मा को महेंद्र के पास लेकर आता है और वहाँ पर धर्मा महेंद्रन को बताता है कि पर्वतीय सर की सेना अरुण को ले जाने के लिए यहाँ पर आई है। अगर वो सात दे तो रास्ते में ही वो लोग अरुण को खत्म कर सकते हैं। फिर उन्हें भी शिमला में किसी से खतरा नहीं रहेगा और इसके लिए महेंद्रन मान जाते है। उधर पूर्णिमा और उनके पास आकर उन्हें बता देती है कि पर्वत तो सर की सेना उन्हें तंजौर ले जाने के लिए शाही पैगाम के साथ यहाँ पर आ चुकी है।

यह सुनकर बंदी आययनर उनसे कहता है कि जरूर पर्वत ईश्वर की कोई चाल होगी। पर अरुण फिर भी वो सेना के साथ जाने के लिए एग्री हो जाता है क्योंकि वो सही पैगाम को मना करके उनकी इनसल्ट नहीं करना चाहता था और इसीलिए वो एक प्लैन करके अपनी राजा बाली भेस भुसा को बनती को दे देता है और खुद सिंपल कपड़ों में पूर्णिमा के साथ समुद्र की तरफ निकल जाता है ताकि कोई भी उसे पहचान नहीं पाए। 

उसके बाद महेंद्रन की सेना और पांडियन के लोग पर्वतेश्वर की सेना को मार देते हैं और पुनिया सलमान समझकर बंदे आये उनको पकड़ लेते हैं पर उन्हें बाद में पता चलता है कि नहीं है इसलिए वो बंदे हमको अपने जहाज पर लटका देते हैं जिसे देखकर हम पूर्णिमा के साथ जहाज की तरफ जाता है और वहाँ पर पहुँचकर पांडियन के लोगों से फाइट करने लगता है। पर तभी समुद्र में बहुत बड़ा तूफान आ जाता है जिससे उनका जहाँ दूध जाता है। 

क्योंकि उस लड़ाई में अरुण काफी हो चूके थे तो उनका कुछ भी पता नहीं चल पाता है और महल में राजा सुंदर के पास खबर आती है कि सलमान की समुद्र में डूबने से मौत हो गई। इससे राजा सुंदर चोला को अटैक आ जाता है और राजकुमारी कुंदा भाई को भी एकदम से धक्का सा पहुंचता है और उधर जब इस बारे में आदित्य को पता चल जाता है। 

जब वो गुस्से में अपनी सेना के साथ तंजोर के लिए निकल पड़ता है क्योंकि उसे पता था कि सबके पीछे नंदिनी ही और अब वो उसे मारना चाहता था और 
इसी के साथ इस मूवी सलमान का पार्ट बन खत्म हो जाता हैं। मूवी की एंडिंग में हमें पार्ट टू की एक झलक दिखाई जाती है जिसमें नंदिनी उसी समुद्र में जाती है जहाँ पर का जहाज डूबा था। तो इसी के साथ इस मूवी की भी अब एंडिंग हो जाती है।

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