the ghost movie || 2022 || पूरी फिल्म कि रियल कहानी हिंदी में || mystery adventure bollywood movie
About :
नागरजुना
सोनल चौहान
अनिखा सुरेंद्रन
गुल पनाग
काजल अग्रवाल
सिम्मी घोषाल
जाया प्रकाश
मनीष चौधरी
श्रीकांत इवेंगर
वैश्णवी गणतरा
रवि वर्मा
Director : प्रवीन सत्तरू
मूवी की स्टोरी :
मूवी की स्टोरी में एक इंटर ऑफिसर अन्डरवर्ल्ड को किस तरह खत्म करता है और उसकी वजह से उसकी फैमिली को क्या फेस करना पड़ता है? ये सब देखने को मिलने वाला है तो पूरी स्टोरी जानने के लिए विंडो को लास्ट तक जरूर देखना। साथ ही चंद को सब्सक्राइब करके विंडो को लाइक भी कर देना। तो चलिए बिना किसी देरी के मूवीज़ शुरू करते हैं।
मूवी की स्टार्टिंग में हमें दुबई में ईस्ट अरेबिया का डेज़र्ट दिखाया जाता है, जहाँ पर कुछ क्रिमिनल्स हथियारों की डीलिंग कर रहे होते है। तभी वहाँ पर इंटरपोल के दो ऑफिसर विक्रम और प्रिया आकर उन पर अटैक कर देते हैं और सारे उसको मार कर उनके मिशन को अवॉर्ड कर दिया जाता है और यहाँ पर हमें पता चलता है कि बिक्रम और प्रिया एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप में भी थे।
अब मैक्सिम पोल के डायरेक्टर बिक्रम को काउंसलिंग करने के लिए कहते हैं, क्योंकि विक्रम बहुत जल्दी हाइपर हो जाता था। उससे गुस्सा बहुत आती थी। साथ ही विक्रम को अक्सर एक नाइट में और बार बार परेशान करता था, जो उसके बचपन से जुड़ा हुआ था। उसके बाद नेक्स्ट डे विक्रम और प्रिया को पता चलता है।
की कुछ अन्डरवर्ल्ड के क्रिमिनल्स ने दुबई में एक इंडियन बच्चे को किडनैप कर लिया है और इसीलिए वो लोग उन क्रिमिनल्स की कार का पीछा करते हैं जहाँ काफी देर करने के बाद एक डेज़र्ट में आकर वो रुक जाते हैं और वहाँ विक्रम सारे क्रिमिनल्स को मार देता है और उनमें से एक क्रिमिनल्स बच्चे को गन पॉइंट पर ले लेता है। तब विक्रम बिना कोई परवाह किये उस क्रिमिनल को भी मार देता है पर उसके वजह से वो क्रिमिनल मरते हुए भी उस बच्चे को बुलेट मर जाता है।
जिसकी वजह से बच्चे की मौत हो जाती है और मीडिया विक्रम की इस लापरवाही की वजह से उसे ब्लेम कर रही होती है। जिसकी वजह से विक्रम काफी परेशान होता है। तब प्रिया उसे समझाती है कि इसमें उसकी कोई गलती नहीं थी पर विक्रम प्रिया से कहता है की लोग ऐसे ही बच्चों और सिविलियंस को मारते रहेंगे। साथ ही वो प्रिया को अपने बचपन की कहानी सुनाता है, जिसमें वो कई साल पहले अपने पैरंट्स के साथ करोलबाग, दिल्ली में रहता था।
अब वहाँ पर 1984 में हिंदू मुस्लिम दंगे चढ़ गए थे, जिसमें विक्रम की आँखों के सामने उसके पैरंट्स को मार दिया गया था और तब विक्रम 12 साल का था और उसी टाइम पर विक्रम को भी मारने के लिए कुछ लोग आए थे और एक जनरल ने आकर उसे बचा लिया था और वो जनरल बिक्रम को अपने साथ अपने घर ले गए थे। उनकी फैमिली में सिर्फ उनकी एक डॉटर अनु थी और अनु ने बिक्रम को अपना भाई बना लिया।
उन्होंने विक्रम को अपने बेटे की तरह ही बड़ा किया था। और आज वो जीस पोजिशन पर था। वो जर्नल की वजह से ही था और इसलिए विक्रम डिसाइड करता है की वो को खत्म करके ही रहेगा जो इंटरपोल में रहकर नहीं कर सकता था। इसलिए वो इंटरपोल से देकर अन्डरवर्ल्ड को खत्म करने के मिशन पर जाने के लिए प्रयास से कहता है। पर प्रिया इसके लिए उसे रोकती है और तब वो प्रिया को छोड़कर अकेले ही अपने मिशन पर निकल जाता है।
अब 5 साल बाद का दिखाया जाता है। जहाँ पर एक स्कॉर्पिन नाम के गैंग को एक औरत और एक बच्ची को मारने की सुपारी मिलती है और उधर विक्रम अपने टेस्ट के पास आकर उन्हें बताता है कि वो लास्ट फाइव इयर्स से प्रिया से नहीं मिला है। उसकी तरफ काम को लेकर ही उनसे बात होती है और यहाँ पर विक्रम उन्हें बताता है कि 20 साल बाद उसकी सिस्टर उसके पास अचानक से कल कॉल आयी थी। वो उससे मिलना चाहती है और इसीलिए वो अनु से मिलने जा रहा है।
तभी हमें फ्लैशबैक में 20 साल पहले का सीन दिखाया जाता है, जहाँ पर अपने फादर को बताती है की वो फेमस बिजनेसमैन अशोक के साथ शादी करना चाहती है पर इसके लिए जनरल एग्री नहीं होते क्योंकि अशोक उससे 15 साल बड़ा था और डिवोर्सी भी था और जब इस बारे में विक्रम ने उसे समझाने की कोशिश करता है तो वो किसी की भी नहीं सुनती है और हमेशा के लिए घर छोड़कर चली जाती है और जाकर अशोक से शादी भी कर लेती है। उसके बाद विक्रम अनु से कॉन्टैक्ट करने की बहुत कोशिश करता है पर उसकी उससे बात ही नहीं हो पाती है और जनरल की लास्ट डेज़ में वो विक्रम से प्रॉमिस लेते हैं की वो हमेशा अनु का ख्याल रखेगा और आज 20 सालों बाद बिक्रम को याद किया था इसलिए वो अपने सारे काम छोड़कर उससे मिलने पहुँच जाता है।
जहाँ पर अशोक की मौत के बाद अनु का बिज़नेस बहुत बड़ा हो चुका था और उसकी एक बेटी भी थी जिसका नाम अदिति था और अब सारा बिज़नेस देखती थी। वहाँ पहुँचकर बिक्रम को अनु से पता चलता है की कोई उसे लगातार कुछ दिनों से ब्लैकमेल कर रहा है की वो अपना बिज़नेस छोड़ दे वरना वो लोग उसकी बेटी आदिति को मार देंगे। यहाँ तक कि लास्ट नाइट कोई उनकी सिक्युरिटी को ब्रेक करके अतिथि के रूप में एक बुलेट छोड़कर गया था और जब उन्होंने इसके बारे में पुलिस कम्प्लेंट की तो पुलिस ने 2 दिन बाद एक आदमी को पकड़ा जो कि अनोखा ही सिक्योरिटी हेड था पर उसे पुलिस को कुछ भी पता नहीं चल पाया। और अगले ही दिन पुलिस को वो लॉकअप में डेढ़ मिला। किसी ने उसे दिया था यहाँ पर।
मैं आपको बता दूँ की स्टार्टिंग में जो स्कॉर्पिन गैंग को जीस औरत और बेटी की सुपारी दी गयी थी, वो अनुरतती ही थे, इसलिए बनना ही पुलिस पर यकीन कर सकती थी और ना ही अपनी सिक्योरिटी पर उसे आप सिर्फ विक्रम पर ही यकीन था। कुछ दिन बाद उसे एक मीटिंग के लिए आप लोग सिटी भी जाना था। इसलिए वो अदिति की सेफ्टी की जिम्मेदारी बिक्रम को दे देती है। तभी वहाँ पर आती आ जाती है जो अपनी माँ से बहुत बदतमीजी से बात करती है क्योंकि वो एक बिगड़ैल मस्ती करने वाली लड़की थी, ना ही वो कभी टाइम से स्कूल जाती थी और ना ही किसी को रिस्पेक्ट देती थी।
बस अपने फ्रेंड्स के साथ क्लब पार्टीज़ में बीज़ी रहती थी और अपनी मॉम से चिढती भी थी। वहाँ पर आती को अनु बताती हैं कि विक्रम उसका पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर है, इसलिए उसे उसकी बात माननी होगी परंतु गुस्से में वहाँ से चली जाती है। उसके बाद नेक्स्ट अनोखे जाने के बाद विक्रम वहाँ की सिक्योरिटी में कुछ चेंजस करता है और अपनी इन्वेस्टिगेशन स्टार्ट कर देता है क्योंकि उसे जानना था की अनु को तहत करने वालों के पीछे किसका हाथ है? और इसके लिए विक्रम सबसे पहले नु की कंपनी नायक कंपनी के बारे में वहाँ पर काम करने वाले सर्वेंट से पूछता है क्योंकि वो उस घर में लगभग 57 सालों से काम कर रहे थे।
वहाँ से बिक्रम को पता चलता है कि आजादी के बाद से आंधी की ग्रैंड फादर ने नायर कंपनी को इस्टैब्लिश किया था। और वो कुछ ही समय में बहुत बड़ी कंपनी बन गई थी। उन्होंने दो शादियां की थीं, जिसमें से उन्होंने दूसरी पत्नी के नाम पर एक और कंपनी स्नान ग्रुप ऑफ कंपनी को अपन किया। उसके बाद नायर की मौत के बाद उनके बेटे अशोक जो कि उनके हस्बैंड थे, उन्होंने नायक कंपनी को सँभाला और अशोक ने एक रशियन से शादी की थी, जिससे उन्हें एक बेटा हुआ जिसका नाम सिद्धार्थ था।
पर कुछ सालों बाद अशोक ने अनु से शादी कर ली थी, जिससे उन्हें अति नाम की एक बेटी हुई थी। और अशोक की मौत के बाद अनु ने ही नायक कंपनी को सँभाला था। वो अदिति को अपनी कंपनी के वारिस के रूप में तैयार करना चाहती थी पर वो तो हमेशा इन सबसे दूर अपनी झूठी जिंदगी में फंसी रहती थी। वो बस अपने फ्रेंड्स के साथ में जाकर मस्ती करती रहती थी और इसीलिए बिक्रम भी उसके पीछे जाकर उसपर और उसके आसपास के लोगों पर और फ्रेंड्स पर नजर रखने लगता है क्योंकि उसे लगता था
कि इस फैमिली से जुड़ा हुआ कोई पर्सन ही थर्ड कर रहा है। अब प्रेसेंट टाइम में नायर ग्रुप को अनु संभाल रही थी और उधर दूसरी कंपनी स्नान ग्रुप को सिद्धार्थ संभाल रहा था। पर यहाँ पर एक पर्सन और था जिसका नाम पंकज था और वो अशोक का भाई था जिसे नायक कंपनी में कुछ के साथ पार्टनर से मिली हुई थी। पर पंकज जीतने से खुश नहीं था। इसलिए वो अनुसार खुद को न्याय कंपनी का चेयरमैन बनाने के लिए कहता है पर ऐसा करना नहीं चाहती थी क्योंकि पंकज ज्यादातर ड्रग्स के नशे में रहता था।
और उसके पास कंपनी को चलाने के लिए अच्छी भी नहीं थी। उसके बाद नेक्स्ट विक्रमादित्य के डेली रूटीन को सुधारने की कोशिश करता है। वो उसे सुबह ही उठा देता है और घर का ब्रेक फास्ट करने को देता है और जब अदिति इस के लिए नहीं मानती है तो वो उसे स्टेनगन से टॉर्चर करता है जिसकी वजह से उसे बिक्रम की बात नहीं चाहते हुए भी माननी पड़ती है। पर इससे वो काफी परेशान हो चुकी होती है और उसे नए कपड़े अपने फ्रेंड्स के साथ एक सीक्रेट पार्टी में भी जाना होता है। जो उसने अपने बर्थडे पर प्लांट की थी और इसके लिए विक्रम की।
मैं नशे की कुछ गोलियां मिलाकर चुपचाप घर से निकल जाती है और इस बारे में अब इस गैंग को पता चल जाता है और वह मौका पाकर पार्टी में से अति को किडनैप करके ले जाने लगते हैं ताकि वो उसे मार सके और तभी रास्ते में विक्रम आ जाता है और वो उस गैंग से अदिति को बचाकर घर ले आता है। कुछ दिनों तक अच्छे से ख्याल रखता है। अब इस इंसिडेंट के बाद उनको अपनी गलतियों का एहसास हो जाता है और वो विक्रम की हर एक बात मानने को रेडी हो जाती है और अब उसके दिल में अपनी मांद के लिए भी जो नफरत थी वो भी खत्म हो चुकी होती है।
यानी बैड गर्ल्स ए गुड गर्ल बन चुकी होती है और तभी अनुभवों अपने काम से वापस आ रही उठती है और रास्ते में वो अति से बात करके बहुत खुश होती है। उसके बाद हम इस कॉटन गैंग के लीडर लाला को देखते हैं, जिसके बेटे माइकल ने ही अनुरतती को मारने की सुपारी ली थी। और आज वो लोग अनवरत इन दोनों को मारने वाले भी थे। पंडाल को जब पता चलता है की उस दिन विक्रम जी को उसके लोगों से छुड़ाकर ले गया था तो उसके होश उड़ जाते हैं।
क्योंकि उसके पास में कुछ ऐसा हुआ था जिसकी वजह से विक्रम से बहुत फटती थी और इसलिए वो अपने लोगों को रोकने के लिए कहता है और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। उधर, माइकल के लोग रास्ते में ही उनकी कार का ऐक्सिडेंट कर देते हैं, जिसमें ब्लास्ट होने से उनकी मौत हो जाती है। और दूसरी तरफ जब विक्रम मंत्री के साथ घर पर आता है तो वहाँ पर के लोग पहले ही अनूप के सारे सिक्योरिटी गार्ड को मार चूके होते हैं और उसके बाद वो घर में ब्लास्ट कर देते हैं जिसमें विक्रमादित्य को बचाकर वहाँ से निकल जाता है।
पर उन लोगों को लगता है की उस ब्लास्ट में हड्डी की भी मौत हो गई है। पर इसी बीच प्रिया भी पहुँच चुकी होती है क्योंकि उसे टिप मिली थी के स्कोर पर गंगनहर स्टेट में देखा गया। और कई सालों से प्रिय स्कॉर्पीन गैंग को पकड़ने की मिशन पर थी। इसलिए विक्रम प्रिया से बात करने के लिए इधर उधर फ़ोन ढूंढने लगता है पर सभी को टीवी पर देखता है की एक ब्लास्ट की मौत हो चुकी है और यह सुनकर वो एकदम हो जाता है। तभी वहाँ पर स्कोर्पिन गाकर गोलियां चलाने लगता है और बिक्रम मस्ती को लेकर वहाँ से जंगल की तरफ भाग जाता है, जहाँ पर सही टाइम पर आकर प्रिया उनको बचा लेती है और विक्रम को बताती है।
वो यहाँ पर इस गैंग को पकड़ने के लिए आई थी। उधर जब नायक कंपनी में पता चलता है की अनुमति दोनों की एक हादसे में मौत हो चुकी है तो उस कंपनी का मैनेजर हरीश नायर कंपनी के चेयरमैन के रूप में पंकज को बना देता है और कंपनी के आधे से ग्रुप के सीईओ सिद्धार्थ के साथ को लैब करने को कहता है। अब इसके लिए उन्हें कंपनी के बोर्ड मेंबर्स के साइन की जरूरत थी और तभी विक्रम अपने प्लैन के अकॉर्डिंग सारे बोर्ड मेंबर्स के पास एक वीडियो भेजता है। इन्क्लूडिंग हर चीज़ जिसमें अदिति ने कहा था कि वो अभी भी जिंदा है अब क्योंकि जिंदा थी तो उस कंपनी पर उनके बाद उसका ही हक था।
इसलिए कोई भी बोर्ड मेंबर साइन नहीं करता है जिससे सिद्धार्थ को बहुत बुरा लगता है क्योंकि उसी ने ही को मरवाने की साजिश है। इसके साथ मिलकर की थी। वो नायर कंपनी को अपने कब्जे में लेना चाहता था और इसके थ्रू ही उतने अनुवादक थी की सुपारी स्कोर्पिन गैंग को दी थी। और इस बारे में विक्रम को ऐसे पता चला था क्योंकि उसने पंकज के फ़ोन को हैक करके उसकी और हरीश की सारी बातें सुन ली थी जिसमे वो लोग बातें कर रहे थे की वो पंकज को चेयरमैन बनाकर उसकी कंपनी के आधे से 80 रन ग्रुप को दे देंगे और फिर सिद्धार्थ इस कंपनी को अपने हिसाब से चला पाएगा। इससे पंकज भी। कंपनी का चेयरमैन बना रहेगा और भी खत्म हो जाएगी।
पर पंकज कानून की मौत में कोई भी हाथ नहीं था। अब जब सिद्धार्थ का प्लान फेल हो गया था तो वो हरीश पर गुस्सा करने लगता है और उसे कैसे भी करके बोर्ड मेंबर्स के साइंस लेने के लिए कहता है। उधर माइकल लाला से पूछता है की वो विक्रम के नाम से इतना क्यों डर रही है? तब लाला बताता है की अन्डरवर्ल्ड ने उसे घोष नाम दिया था। अब हमें फ्लैशबैक में उस टाइम का सीन दिखाया जाता है।
जब विक्रम को खत्म करने के लिए निकल पड़ा था जहाँ पर उसने सबसे पहले के एक बहुत ही बड़े उसके इलाके में जा कर दिया था और फिर उसके बाद विक्रम ने खूनी खेल शुरू कर दिया था चाहे फिर वो ब्लैकमेलर्स हो या फिर मर्डर्स एक एक करके उसने सारे से जुड़े लोगों को मारना शुरू कर दिया था जिसमें उसने लाल के बड़े बेटे को भी मार दिया था मूवी अंत हो जाता हैं !
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